22 सितम्बर से अमूल और मदर डेयरी का दूध होगा सस्ता, GST 2.0 की नई कीमतें और असली फायदा किसे

सुनते ही मन में ख्याल आया ना — चाय में दूध थोड़ा और डालेंगे जी हां, 22 सितम्बर से GST 2.0 लागू होते ही अमूल और मदर डेयरी ने कई प्रोडक्ट्स के दाम घटाने का ऐलान कर दिया है। सबसे बड़ी चर्चा दूध पर है, क्योंकि सुबह की चाय से लेकर बच्चों की बोतल और त्योहारों की मिठाई तक, सब कुछ दूध पर ही टिकता है। लेकिन जरा ठहरिए, यहां एक ट्विस्ट है। हर तरह का दूध सस्ता नहीं हो रहा। जो रोजाना वाला पाउच वाला ताजा दूध है, उस पर पहले से ही शून्य GST था और वही रहेगा। सस्ती होगी मुख्यतः UHT यानी टेट्रा पैक वाली दूध की कैटेगरी, साथ में बटर, घी, चीज, आइसक्रीम और ढेरों वैल्यू ऐडेड आइटम।

क्या सच में दूध सस्ता हुआ या बस सुर्खियां गर्म

दो लाइन में साफ बात सुन लीजिए। पाउच वाला ताजा दूध — वही जो सब्जी वाले या डेयरी पर मिलता है — उसकी MRP जस की तस। UHT या टेट्रा पैक मिल्क की एक लीटर बोतल में आम तौर पर 2 Rupees तक की कमी दिखेगी, ब्रांड और वैरायटी के हिसाब से। अमूल और मदर डेयरी दोनों ने कहा है कि वे GST कटौती का पूरा फायदा ग्राहकों तक पास कर रहे हैं। हां, बटर, घी, चीज, पनीर, आइसक्रीम, मिल्कशेक, यहां तक कि फ्रोजेन स्नैक्स में कटौती ज्यादा महसूस होगी।

GST 2.0 का गेम प्लान, आम आदमी की जेब में कितनी रौशनी

GST 2.0 का सीधा मकसद रोजमर्रा के खाने पीने की चीजों को किफायती बनाना बताया जा रहा है। कई डेयरी प्रोडक्ट्स पर टैक्स की दरें या तो कम हो रही हैं या शून्य की कैटेगरी में जा रही हैं। इसका मतलब यह कि पैक्ड और प्रोसेस्ड डेयरी उत्पाद अब कम टैक्स की वजह से थोड़े सस्ते मिलेंगे। घर का बजट बनाने वालों के लिए यह छोटा पर स्थायी सा फायदा बन सकता है। महीने भर में बटर, चीज और आइसक्रीम की एक दो खुराक कम करने की जगह अब आप वही खुराक आराम से रख पाएंगे।

थोड़ा आंकड़ों में मसाला

बाजार से जो संकेत मिल रहे हैं उनके मुताबिक़, UHT मिल्क यानी टेट्रा पैक में एक लीटर की बोतल पर करीबी 2 Rupees राहत दिख रही है। बटर का सौ ग्राम पैक कुछ Rupees नीचे, घी एक लीटर पर कई दर्जन Rupees तक कम, चीज ब्लॉक और पनीर के लोकप्रिय पैक भी थोड़े सस्ते। और हां, आइसक्रीम के कई पैक्स में 5 से 30 Rupees तक की राहत, जो त्योहारी सीजन की मिठास और बढ़ाएगी।

पाउच मिल्क क्यों नहीं सस्ता, जब सब सस्ता हो रहा

यह सवाल बिल्कुल जायज है। जवाब छोटा है पर काम का। ताजा पाउच मिल्क पर पहले से ही GST शून्य था। इसलिए टैक्स कटेगा क्या, जो पहले लगा ही नहीं। इसी वजह से अमूल और मदर डेयरी दोनों ने साफ कहा है कि रोजाना वाले पाउच दूध की MRP में बदलाव नहीं। हां, जिन घरों में फ्रीजिंग और लम्बे समय की स्टोरेज के लिए UHT दूध खरीदा जाता है, वहां फायदा दिखेगा। शहरों के हॉस्टल, वर्किंग कपल्स और छोटे ऑफिसेस में UHT मिल्क का चलन रहता है, उनके लिए यह राहत असली है।

किचन में असर: चाय, कॉफी, शेक्स और मिठाइयां

जरा सोचीए, दो लीटर UHT मिल्क हर हफ्ते लेने वाली फैमिली को करीब 8 से 10 Rupees हफ्ते की बचत दिखेगी। महीने में यह 40 Rupees के आसपास बैठ जाती है। ज्यादा नहीं, पर बटर, चीज, पनीर और घी में जुड़कर यह बचत आसानी से सौ दो सौ Rupees तक खिसक जाती है। अब जब नवरात्रि, दशहरा, दिवाली की लाइन लगी है, तो घर में कलाकंद, रस मलाई, पनीर टिक्का, सिंघाड़े के आटे के हलवे तक में यह छोटी बचत मीठा असर छोड़ती है।

WhatsApp यूनिवर्स बनाम असल दुनिया

आपको कुछ फॉरवर्ड्स मिलेंगे जो कहेंगे कि दूध 5 Rupees सस्ता हो गया, 10 नहीं 12 Rupees कम हो गया, और भी बहुत। थोड़ा ठंडा दिमाग रखिए। सटीक बात यही है कि पाउच दूध वाला मामला वैसा ही रहेगा, UHT और वैल्यू ऐडेड में कमी दिखेगी। फॉरवर्ड में जोश ज्यादा, तथ्य थोड़े कम होते हैं।

किसानों और कोऑपरेटिव की कहानी: पर्दे के पीछे

भारत का डेयरी मॉडल, खासकर अमूल और मदर डेयरी जैसा कोऑपरेटिव ढांचा, किसानों को मार्केट से सीधे जोड़ता है। जब प्रोसेस्ड उत्पादों पर टैक्स घटता है और खपत बढ़ती है, तो डिमांड का फायदा दूध खरीद पर भी असर डाल सकता है। ज्यादा बिक्री का मतलब ज्यादा प्रोक्योरमेंट, और लंबी रेस में किसानों के लिए स्थिरता। हां, उतार चढ़ाव दूध की खरीद कीमतों पर भी निर्भर करते हैं, मगर टैक्स कटौती का नेट असर ग्रोथ को पुश देता दिख सकता है।

कौन सा दूध खरीदना बेहतर रहेगा

अगर आप रोजाना ताजा चाय दही पनीर वाले परिवार हैं, सुबह शाम पाउच दूध खत्म हो जाता है, तो पुराने रूटीन पर रहें। ताजा दूध सस्ता नहीं हुआ, पर उसकी ताजगी ही उसकी सबसे बड़ी कीमत है।
अगर आप स्टोरेज और सुविधा प्रेफर करते हैं, वीकेंड पर ग्रॉसरी स्टॉक करते हैं, बच्चों के लंचबॉक्स के लिए कभी भी मिल्कशेक चाहिए, तो UHT मिल्क के 1 Litre या 500 ml पैक आपके लिए कारगर हैं। अब कीमत थोड़ी कम है तो 5 पैक की जगह 6 पैक रख लीजिए।

फ्लैगशिप प्रोडक्ट्स का असर

बटर और घी हमारी थाली के पुराने सितारे हैं। बटर का सौ ग्राम पैक कुछ Rupees नीचे आया तो नाश्ते में परांठे की चमक लौटेगी। घी में 30 से 40 Rupees की राहत एक Litre पर बुरी नहीं, खासकर जब लड्डू और मोदक का सीजन सामने हो। चीज ब्लॉक और स्लाइस घर के सैंडविच और ऑफिस के टिफ़िन को अपग्रेड कर देंगे, वह भी थोड़ी कम कीमत में। पनीर 200 gram या 400 gram पैक पर थोड़ी कमी, हफ्ते का एक अतिरिक्त पनीर डिश बुला रही है।

मदर डेयरी के Safal वाले फायदे

दिल्ली एनसीआर वालों के फ्रीजर में Safal के फ्रेंच फ्राइज, टिक्की और मिक्स वेज कटलेट अक्सर मिल जाते हैं। GST 2.0 के बाद इन पर भी 5 Rupees से 15 Rupees तक की राहत बताई जा रही है। वीकेंड मूवी नाइट के स्नैक्स थोड़े और बजट फ्रेंडली हो जाएंगे।

त्योहार, IPL और Bigg Boss वाली खरीदारी

भारत में डिस्काउंट का सही फायदा तभी लगता है जब शॉपिंग का मूड हो। त्योहारों में गिफ्ट हैम्पर, मिठाइयों की प्रीमिक्स, आइसक्रीम पार्टी पैक, मिल्कशेक असॉर्टेड फ्लेवर — सबका कार्ट वैल्यू थोड़ा हल्का लगेगा। और क्रिकेट के बड़े मैच या बिग बॉस की वीकेंड वार पार्टी में अगर फ्रिज में आइसक्रीम के फैमिली टब और चीज स्लाइस स्टैक कर दिए तो मेहमानों को भी लगेगा कि घर का CFO आज खुश है।

माइक्रो बचत, मैक्रो माइंडसेट

कई लोग बोलेंगे कि 2 Rupees की कमी से क्या होता है। पर पर्सनल फाइनेंस का राज़ यही छोटे कदम हैं। 2 Rupees की बचत एक Litre UHT पर, 30 Rupees घी पर, 20 से 30 Rupees चीज पर — महीने के टोटल में 200 Rupees की आरामदेह ऑक्सीजन। और अगर आप Paytm Wallet, UPI या क्रेडिट कार्ड ऑफर के साथ ग्रॉसरी डेज को टैक्सी की तरह पकड़ लेते हैं, तो अतिरिक्त 3 से 5 प्रतिशत कूपन सेविंग अलग।

ब्रांड वॉर या कंज्यूमर डिलाइट

जब बड़े ब्रांड एक साथ कीमत घटाते हैं तो बाजार में प्रतिस्पर्धा चटख जाती है। लोकल और रीजनल डेयरीज़ भी MRP की धार समायोजित करती हैं। इसका फायदा आखिर में खरीदार को ही मिलता है। साथ ही, क्वालिटी और फूड सेफ्टी पर फोकस बढ़ता है क्योंकि पैक्ड फूड की अपनाने की दर ऊपर जाती है।

बारीकियां जिन्हें नजरअंदाज मत कीजिए

  • पाउच मिल्क की कीमत नहीं बदली। सुबह सुबह वाला टोकन दूध भी पुराने रेट पर ही रहेगा।
  • UHT मिल्क में हल्की राहत। अगर आप अक्सर टेट्रा पैक लेते हैं तो सच्चा फायदा यहीं है।
  • बटर, घी, चीज, पनीर, आइसक्रीम, मिल्कशेक और फ्रोजेन स्नैक्स में दिखाई देने वाली कटौती।
  • त्योहार के महीने में डिमांड बढ़ना तय, इसलिए ऑफर्स और कॉम्बो पैक पर नजर रखें।

कंज्यूमर के 5 झटपट टिप्स

  1. UHT मिल्क के 4 की जगह 6 पैक खरीदें, Litres जितनी जरूरत हो उतनी ही रखें।
  2. घी और चीज जैसे लंबे शेल्फ लाइफ वाले आइटम्स को बड़ी पैकिंग में लेना अक्सर सस्ता पड़ता है।
  3. आइसक्रीम फैमिली टब और पार्टी ब्रिक्स पर फेस्टिव कूपन देखें।
  4. लोकल रीटेलर और ऑनलाइन किराना, दोनों की MRP और ऑफर तुलना करें।
  5. WhatsApp फॉरवर्ड पर नहीं, पैक के प्रिंटेड नए MRP पर भरोसा करें।

दिल पर क्या असर, दिमाग क्या कहता है

दिल खुश है कि त्योहारी सीजन से पहले थाली में मक्खन और मिठाई का हिस्सा थोडा और मोटा हो सकता है। दिमाग कहता है कि बचत छोटी है पर लगातार है। देश की सबसे बड़ी डेयरी ब्रांड्स द्वारा कीमतें घटाना एक सिग्नल है कि टैक्स स्ट्रक्चर कंज्यूमर फ्रेंडली बनाया जा रहा है। और हां, किसानों, कोल्ड चेन और प्रोसेसिंग इकोसिस्टम को डिमांड की नई लहर मिल सकती है। Read more about this on : https://rsuryahospital.com/

हर शहर और हर रिटेलर में स्टॉक, बैच और मैन्युफैक्चरिंग डेट के हिसाब से नई MRP रोल आउट होने में एक दो दिन का अंतर हो सकता है। इसलिए 22 सितम्बर की सुबह ही अगर आपके मोहल्ले की दुकान पर पुराना दाम दिखे तो घबराइए नहीं। अगले बैच आते ही नई कीमतें दिखने लगेंगी। और हां, पाउच दूध से UHT मिल्क का फर्क याद रखिए — बहस में जीतेंगे और खरीदारी में भी।

निचोड़ 22 सितम्बर से अमूल और मदर डेयरी के कई प्रोडक्ट्स में सस्ती हवा चलेगी। रोजाना पाउच दूध नहीं, पर टेट्रा पैक मिल्क और वैल्यू ऐडेड डेयरी में अच्छी खासी राहत। घर के बजट के लिए छोटी पर पक्की वाली खुशी। चाय का कप, मक्खन वाली रोटी और त्योहार की मिठाई — सब थोड़े और मुस्कुरा उठेंगे।

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